गुजरात से लौट रहे बिहारियों ने कहा- हिन्दी बोलते ही पीटने लगते थे लोग
दरभंगा: गुजरात में बिहारियों के साथ हो रही हिंसा का आलम यह है कि लोग वापस अपने घर की ओर लौट रहे है. लोगों के मुताबिक चार दिनों से पांच दिन हो गए उन्हें खाना तक नसीब नहीं हुआ है. वहीं जो लोग गुजरात में वर्षों से आशियाना बना कर रह रहे थे, उन हिंदी भाषियों को भी खदेड़ा जा रहा है.
आपबीती सुनाते पीड़ित लोग.
गुजरात के साबरकांठा जिले में 14 माह की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद वहां हिंदी भाषी लोगों के प्रति जबरदस्त गुस्सा है. इस वारदात को अंजाम देने का आरोप बिहार के एक व्यक्ति पर लगा है. घटना के बाद स्थानीय लोगों ने बिहार और यूपी के लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. वहां घर में घुस कर हिंदी भाषी लोगों को पीटा जा रहा है. यह भी पढ़ें- सवर्णों के गुस्से में उबाल: गिरिराज सिंह और अश्विनी चौबे की चुप्पी पर सवाल हिंदी बोलते ही निशाने पर आ रहे यूपी बिहार के लोग हिंदी में बात करते हुए सुन कर राह चलते लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. यहां तक कि जो लोग वर्षों से वहां घर बनाकर रह रहे हैं, उन्हें भी भागने को कहा जा रहा है. गुजरात से आने वाली ट्रेनों में भर-भर कर लोग बिहार लौट रहे हैं. अहमदाबाद-दरभंगा साबरमती एक्सप्रेस से लौटे कुछ लोगों बताया कि वे रोजी -रोटी कमाने गुजरात गए थे, लेकिन ज़िंदगी पर खतरा बन आया. वे चार दिनों तक भूखे रहे. उसके बाद अपने घर लौटना मुनासिब समझा.