हनुमान बेनीवाल 29 को पार्टी की घोषणा तो करेंगे लेकिन पार्टी रजिस्टर्ड कैसे होगी....टाइम तो बचा ही नहीं
चुनाव के मैदान में जारी सियासत के बीच खींवसर विधायक ने जयपुर महारैली के तारीख की घोषणा करने के साथ ही चुनावी पारे को चढ़ा दिया है. हर किसी की नजर बेनीवाल के अगले कदम पर टिक गई है....
हनुमान बेनीवाल।
जयपुर . चुनाव के मैदान में सियासी दंगल जारी है. सत्ता तक पहुंचने के लिए भाजपा-कांग्रेस जोर-आजमाइश कर रही हैं . वहीं, खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल ने भी सियासी दांव चल दिया है. उन्होंने 29 अक्टूबर को जयपुर में महारैली करने के साथ ही इसी दिन नई पार्टी का गठन करने की बात कह दी है. उनके इस बयान के बाद चुनावी पारा चढ़ चुका है. साथ ही कई सवाल भी खड़े होने लगे हैं. सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि बेनीवाल पार्टी की घोषणा तो कर देंगे, लेकिन चुनाव से पहले उसे रजिस्टर्ड कैसे कराएंगे ?. पढ़ेंः सचिन पायलट को SC का झटका, याचिका खारिज कर चुनाव आयोग की मतदाता सूची को बताया सही राज्य में किसान नेता के रूप में पहचान बना चुके बेनीवाल चार रैलियों के जरिए अपनी ताकत का प्रदर्शन बखूबी कर चुके हैं. उनकी योजना है कि जयपुर में भी अपनी पूर्ववर्ती रैलियों की तरह ही भीड़ जुटाकर वे सियासी हवा को अपनी तरफ मोड़ सकें. उन्होंने अपने बयान में दावा किया है कि इस महारैली में 15 लाख लोगों की भीड़ जुटेगी. लाखों लोगों के बीच ही वे अपनी पार्टी का ऐलान भी करेंगे. बातचीत के दौरान उन्होंने यह भी दावा कर दिया है कि इस चुनाव में उनकी प्रस्तावित पार्टी 50 से 60 सीटें जीतेगी. लेकिन, सियासी हलकों में सवाल है कि आखिर महारैली के बाद चुनाव से पहले बचे चंद दिनों में बेनीवाल अपनी पार्टी को रजिस्टर्ड कैसे कराएंगे. क्योंकि, अमूमन एक पार्टी के रजिस्ट्रेशन और चुनाव चिह्न मिलने की प्रक्रिया में करीब 3 से 4 महीने लग जाते हैं. ताजा उदाहरण भारत वाहिनी पार्टी का है.
पढ़ेंःराहुल के कार्यक्रम में वसुंधरा के इस खास मंत्री के बेटे के शामिल होने के बाद पार्टी के भीतर चढ़ा पारा राजस्थान के दिग्गज नेता घनश्याम तिवाड़ी के इस पार्टी की कागजी कार्रवाई से लेकर चुनाव चिह्न मिलने तक इतना समय ही लग गया था. ऐसे में बेनीवाल अपनी पार्टी की घोषणा करने के बाद उसे जमीनी स्तर पर कैसे उतारेंगे. ये सियासी पंडितों के समझ से परे हैं. राजनीति के जानकारों का मानना जाट समुदाय के प्रमुख चेहरे के रूप में उभर चुके बेनीवाल समाज के साथ ही अन्य समुदायों के वोटों को अपनी तरफ मोड़ने की कोशिश में हैं. पढ़ेंःगोगामेड़ी बोले- हम 4 नवंबर को पत्ते खोलेंगे, उसके साथ जाएंगे जो पार्टी हमें देगी 35 सीटें वे बाड़मेर , बीकानेर, सीकर और नागौर की रैली में उमड़ी भीड़ को देखने के बाद इस कोशिश को और तेज कर चुके हैं. इसलिए वे लगातार प्रदेश में तीसरे मोर्चे को खड़ा करने की बात कह रहे हैं. बेनीवाल की बात अभी तक भारत वाहिनी पार्टी के तिवाड़ी से हुई है. लेकिन, वे दावा कर रहे हैं कि पार्टी का गठन होने के साथ ही कांग्रेस-भाजपा विरोधी सभी पार्टियां एक तरफ ही होगी. हालांकि, वे अपनी नई पार्टी के बारे केवल इतना ही कहते हैं कि सबकुछ 29 को ही पता चलेगा. ऐसे में माना जा रहा है कि उनकी जयपुर के महारैली में जो लोग मंच पर होंने वही उनकी पार्टी के चेहरे बनेंगे.